“सफलता उस स्थान से तय नहीं की जाती जिस पर
कोई व्यक्ति अपने जीवन में पहुँचता है, बल्कि उन कठिनाइयों से नापी जाती
है जिन्हें उसने सफल होने के दौरान पार किया है।”
– बुकर टी. वाशिंगटन
सफल होने की चाहत प्रत्येक व्यक्ति के मन में होती
है। इस संसार में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो, जो अपने इच्छित क्षेत्र में
सफलता न पाना चाहता हो। जब से मनुष्य संसार के कर्मक्षेत्र में प्रवेश
करता है, तभी से उसके मन में अपने लक्ष्य को पाने की अभिलाषा जन्म ले लेती
है। अभिरुचि और द्रष्टिकोण के आधार पर, सफलता के मापदंड प्रत्येक व्यक्ति
के लिए अलग-अलग हो सकते है।
एक बच्चे के लिए सफलता, जहाँ किसी आकर्षक वस्तु को हासिल करने या class
में ज्यादा नंबर लाने तक ही सीमित है, तो वहीं दूसरी ओर एक शिक्षित व
समझदार नवयुवक के लिए सफलता, एक अच्छे पद-प्रतिष्ठा या ज्यादा पैसे वाली
नौकरी पाने में है। किसी के लिए अधिक यश पाना ही सफलता की कसौटी है, तो
दूसरे किसी व्यक्ति के लिए अपनी किसी विशिष्ट इच्छा की पूर्ति।
लेकिन सफलता का वास्तविक तात्पर्य, जीवन के उन महत्त्वपूर्ण लक्ष्यों की
प्राप्ति से है, उन श्रेष्ठ अभिलाषाओं की पूर्ति से है, जो व्यक्ति को
लंबे समय तक न केवल आन्तरिक संतुष्टि दे सकें, बल्कि उसकी सफलता को गौरव
भी प्रदान कर सकें। जीवन में यादगार सफलता पाने के लिए, बड़े लक्ष्यों को
हासिल करने के लिए हम अपने-अपने तरीके से प्रयास करते हैं। कुछ अपनी स्वयं
की योजनायें बनाते हैं, तो कुछ दूसरों को देखकर या सीखकर आगे बढ़ना
पसंद करते हैं।
सफल होने के अनेकों तरीके हैं, लेकिन यहाँ केवल उन्ही fundamental
principles की चर्चा की जाएगी, जिन पर चलकर प्रायः संसार के सभी दिग्गजों
ने बड़ी सफलताएँ हासिल की हैं। आइये जानते हैं, क्या हैं सफलता के ये 10
सूत्र -
1.
Establish the Goal उद्देश्य निर्धारित कीजिए -
Julius Erving कहते हैं “लक्ष्य निर्धारित करते हैं कि आप क्या बनने जा
रहे हैं।” जीवन में कोई उद्देश्य निर्धारित करना उतना ही जरुरी है, जितना
अनजानी जगहों पर जाने के लिए एक नक़्शे की आवश्यकता। जब हम अच्छी तरह से यह
जानते हों कि हम जीवन में क्या बनना चाहते हैं, और क्या करना चाहते हैं और
हमेशा मन में इस बात को ध्यान रखते हैं, तो हम उस दिशा में अपने प्रयासों
को बिना डगमगाए जारी रख सकते हैं। इस संबंध में Seneca की एक famous Quote
कुछ इस प्रकार है -
“There
is no wind that blows right for the sailor who does not know his
destination.”
“ऐसी कोई हवा नहीं है, जो उस नाविक के लिए सही प्रकार से चले, जिसे अपनी
मंजिल का ही पता नहीं।”
दूसरे शब्दों में, इस प्रकार के नाविक का जहाज समंदर की लहरों की दया पर,
बिना किसी उद्देश्य के इधर-उधर भटकता रहेगा। ऐसे ही बिना उद्देश्य के किसी
व्यक्ति का जीवन उसी तरह का दुर्भाग्य भोगने को विवश होगा। इसलिए जीवन में
सफलता पाने के लिए सबसे पहली और सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता
है कि एक उद्देश्य निर्धारित किया जाये। अपने Life Aim को हमेशा अपनी
नज़रों के सामने रखिये। अपने जीवन के उद्देश्य को, अपने जीवन की
प्राथमिकताओं में सबसे ऊपर रखिये।
यह ख्याल हर समय आपके मन-मस्तिष्क में बना रहे कि आपको क्या पाना है? जैसे
शराबी के कदम खुद-बखुद मधुशाला की ओर चल पड़ते हैं, उसी तरह से यह आपकी सहज
प्रवृति हो जाये कि आपके कदम खुद ही लक्ष्य की और चल पड़ें। भूख-प्यास और
नींद की तरह वह आपके जीवन का अभिन्न अंग बन जाये। शायद इसीलिए किसी लेखक
ने ठीक ही कहा है -
“By
determing the Goal, half of your Success is achieved.”
“लक्ष्य निर्धारित करते ही आप अपनी 50 प्रतिशत सफलता हासिल कर लेते हैं।”
2.
Develop Irresistible Willpower दृढ संकल्पबल विकसित कीजिये –
Helen Gerli के अनुसार “सफल व्यक्ति को असफल व्यक्ति से अलग करने वाली
एकमात्र चीज़, उनकी कठिन कार्य करने की दृढ इच्छा है।” किसी व्यक्ति की
सफलता और संतुष्टि, उसकी इच्छाशक्ति और विश्वास की तीव्रता पर टिकी होती
है। कई व्यक्ति लक्ष्य निर्धारित करने के बाद उस पर तेज़ी से जुट तो जाते
हैं, पर कुछ समय पश्चात ही उनका सारा उत्साह ठंडा पड जाता है और किसी तरह
अगर करते भी हैं, तो आधे-अधूरे मन से, नतीजा असफलता के रूप में हाथ लगता
हैं। हमेशा याद रखिये “असफल होने के लिए लक्ष्य मत निर्धारित कीजिये,सफलता
पाने के लिए अपने भीतर एक Killer Instict जगाइये।"
लक्ष्य निर्धारित करने से पहले यह भली-भांति जान लीजिये कि जो लक्ष्य आपने
चुना है, क्या उसे पूरा करने लायक संकल्पबल या दृढ इच्छाशक्ति आपके पास
है? क्या आपके पास वह योग्यता या क्षमता है, जिनकी लक्ष्यपूर्ति में बेहद
आवश्यकता है? बड़ी सफलताएँ दृढ इच्छाशक्ति की मांग करती हैं। लक्ष्य की
प्राप्ति में चाहे कितनी ही बाधाएँ आएँ, चाहे कितनी ही आलोचना क्यों न हो,
कितनी ही मुसीबतों और कठिनाइयों से आपको गुजरना पड़े, परन्तु अपने संकल्प
को टूटने या डिगने मत दीजिये। लक्ष्य हासिल होने तक निरंतर लगे रहें। सदा
इस बात को याद रखिये कि “आदमी और नदियाँ अपना रास्ता स्वयं बनाते हैं। हम
परिस्थितियों के दास नहीं, बल्कि परिस्थितियों के निर्माता हैं।
3.
Fully dedicate to your Goal अपने लक्ष्य के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित
होइये –
Frank Liyod Wright कहते हैं, “मै सफलता का मूल्य जानता हूँ। समर्पण, कठिन
परिश्रम और उन चीज़ों के प्रति अनन्य निष्ठा, जिन्हें आप होते हुए देखना
चाहते हैं।” लक्ष्य को पाने के लिए आपमें प्रबल रूचि और असीम उत्साह होना
चाहिए। साथ ही साथ चुने गए लक्ष्य के प्रति, आपको सही दिशा में अपने
प्रयास जारी रखने चाहियें। निरंतर परिश्रम सफलता का प्रथम सिद्धांत है।
ऐसा किये बिना सफलता की सम्भावना हमेशा संदिग्ध रहेगी। आधे-अधूरे मन से
किये गए प्रयासों से जीवन में कोई महत्वपूर्ण उद्देश्य प्राप्त नहीं हो
सकता। O. J. Simpson के अनुसार “जिस दिन आप कोई जिम्मेदारी स्वीकार कर
लेते हैं, जिस दिन आप बहाने बनाने बंद कर देतें हैं, उस दिन आप सफलता की
ओर चल पड़ते हैं।”
यह एक established Psychological Fact है कि उत्साह और संकल्प उर्जा के वे
स्रोत हैं जिनके बिना कितनी भी प्रतिभा, योग्यता और जानकारी कोई विशेष मदद
न कर पाएगी। इसके अलावा अगर आप अपने लक्ष्य के प्रति पूरी तरह से समर्पित
हैं, तो दूसरे साधन आप अपनी कड़ी मेहनत के बल पर खुद ही जुटा लेंगे। अपने
लक्ष्य के प्रति स्वयं को प्रतिदिन प्रोत्साहित कीजिये, क्योंकि ध्येय के
प्रति अटूट निष्ठा सफलता की एक अनिवार्य शर्त है।
4.
Develop excellent Force of Character श्रेष्ठ चरित्रबल विकसित कीजिये –
Elmer G. Letterman के शब्दों में “Personality सफलता के दरवाजें खोल तो
सकती है, लेकिन केवल चरित्र ही उन्हें खुला रख सकता है।” एक Excellent
Human Personality का शायद ही कोई ऐसा सद्गुण हो, जो चरित्र की परिधि से
बाहर हो। चरित्र व्यक्तित्व की समस्त अच्छाइयों का मूल कारण है। किसी
व्यक्ति का चरित्र उसके नैतिक मूल्यों, विश्वास और अच्छे आचरण से मिलकर
बना होता है। छोटी-छोटी अच्छी आदतें ही, कल के मज़बूत चरित्र का निर्माण
करती है, जबकि उन्हें द्रढ़ता से जीवन में उतारा गया हो।
महान वैज्ञानिक Einstein कहते हैं कि “यह बुद्धि नहीं है जो एक महान
व्यक्ति का निर्माण करती है बल्कि यह चरित्र है।” चरित्र को दुनिया की
सबसे बड़ी दौलत, केवल यूँ ही नहीं कहा गया है। ईमानदारी, विनम्रता, उदारता,
निडरता, आत्मविश्वास, धैर्य, प्रबल इच्छाशक्ति, सकारात्मक
द्रष्टिकोण, आत्मनियंत्रण जैसे अनेकों सद्गुण, चरित्र की खान से ही निकलते
हैं। आप किसी भी महान व्यक्ति का जीवन-चरित्र पढ़ लें, उसमे ये सद्गुण
अवश्य ही मिलेंगे।
जब तक व्यक्तित्व इन अच्छे गुणों से युक्त नहीं हो जाता, तब तक जीवन में
किसी गौरवशाली लक्ष्य को हासिल कर पाना मुश्किल ही रहेगा। चरित्र केवल देह
की शुद्धता की अपेक्षा नहीं करता, बल्कि चित्त की निर्दोषता और मन की
पवित्रता की भी मांग करता है। इसलिए यदि आप भी जीवन में उच्चस्तरीय सफलता
पाना चाहते हैं, तो एक सशक्त चरित्र का निर्माण कीजिये।
5. Be
Self-confident आत्मविश्वासी बनिए –
Ralph Waldo Emerson कहते है कि “वे ही जीतते जिन्हें यह विश्वास होता है
कि वे जीत सकते हैं।” क्योंकि जिन्हें स्वयं पर विश्वास होता है, वे कुछ
भी करने में समर्थ होते हैं। हर व्यक्ति को अपनी शक्तियों में प्रबल
विश्वास होना चाहिए। Samuel Johnson आत्मविश्वास को सफलता का प्रथम रहस्य
मानते हैं। उत्साह, लगन और साहस, आत्मविश्वास के साथी हैं। जो व्यक्ति
जितना आत्मविश्वासी होगा, उतना ही उत्साही और साहसी भी होगा। बाधायें चाहे
कितनी भी प्रबल क्यों न हो, वे कभी भी ऐसे व्यक्ति का रास्ता नहीं रोक
सकती हैं। शायद इसीलिए किसी लेखक ने कहा है- “खुद में विश्वास रखिये और तब
आप अविश्वसनीय काम कर सकते हैं।” सारा संसार उस व्यक्ति के लिए
रास्ता छोड़कर खड़ा हो जाता है, जो यह जानता है कि वह कहाँ जा रहा है।
6. Always ready to
learn New Things नयी चीज़े सीखने को हमेशा तैयार रहिये –
इस प्रकृति में कुछ भी शाश्वत नहीं है, समय के साथ सब कुछ बदलता चला जाता
है। आज से 100 साल पहले किसी काम को करने के लिए जो तकनीक उपयोग में लायी
जाती थी, उनका अस्तित्व अब नहीं है। आज हम fast changing Technology के
दौर में जी रहे हैं, जहाँ चीज़ें बहुत तेज़ी से बदल रही हैं। इसलिए बदलाव के
इस दौर में हमें नयी चीज़े सीखने से परहेज़ नहीं करना चाहिए। हमेशा अपनी
दक्षता बढ़ाने के लिए तैयार रहिये। किसी विषय में आपकी विशेष योग्यता आपको
अपने विरोधियों से इक्कीस ही रखेगी।
Kelvin Kuleze के अनुसार “बहुत कम लोगों के पास हुनर की कमी होती है।
लेकिन वे इसलिए असफल हो जाते हैं, क्योंकि वे अपने हुनर को सही तरह से
इस्तेमाल करना नहीं जानते।” इसलिए आप भी इस बात का ख्याल रखें कि नयी चीज़े
सीखने के अलावा, उन्हें सही से उपयोग करना भी जाने। सभी सफल व्यक्तियों का
इतिहास रहा है कि उनमे कुछ नया सीखने की प्रबल जिज्ञासा थी।
उनकी इसी curiosity ने महान वैज्ञानिक खोजों, मशीनों और उच्च तकनीकों को
जन्म दिया।
यह आवश्यक नहीं की आप भी एक Scientist या Inventor ही बनें, बल्कि कहने का
तात्पर्य यह है कि आप जिस क्षेत्र में भी सफलता पाना चाहते हैं, तो
परिश्रम करने के साथ-साथ कुछ creativity और originality भी विकसित करें,
ताकि आप कुछ ऐसा सीख सकें, जिससे कम समय में, थोड़े परिश्रम से ही अच्छे
परिणाम पाए जा सकें।
7. Have Patience
धैर्य रखिये –
किसी लेखक ने कहा है “असफलता, सफलता की चाबी है। यह सफलता की पहली सीढ़ी
है।” इसलिए लक्ष्य की ओर चलते हुए, अगर आपको असफलता का सामना करना पड़े, तो
घबराइये मत; धैर्य रखिये। क्योंकि ऐसा होना सामान्य बात है। इनसे ही जीवन
की सुन्दरता है। अपने लक्ष्य को सामने रखकर, धैर्य के साथ हज़ार बार आगे
बढ़ने का प्रयत्न कीजिए। जब पंछी तूफ़ान गुजरने के बाद गा सकते हैं, तो हम
क्यों निराश हो जाएँ। इस बात को सदा याद रखिये कि हर आने वाली असफलता आपको
और मज़बूत बना देती है।
प्रायः सभी बड़ी और महत्वपूर्ण सफलताएँ असीम धैर्य की मांग करती हैं,
क्योंकि उनकी जय का रास्ता, अनेकों मुश्किलों और अडचनों से भरा होता है।
सामान्य व्यक्ति तो थोड़ी सी परेशानी आने पर ही रास्ता बदल लेते हैं, इसलिए
बड़ी सफलताएँ उनसे सदा दूर ही रहती हैं। कोई महत्वपूर्ण काम कर सकना उनसे
संभव नहीं हो पाता। लेकिन इतिहास पर नज़र डाले, तो पाएंगे कि संसार में
जितने भी महान व्यक्ति हुए हैं, उनका जीवन मुश्किलों से भरा रहा है और
उन्होंने असीम धैर्य से उनका सामना किया है।
जब जीवन कठिनाइयों के दौर से गुजर रहा हो, तो धैर्य को अपना सबसे
विश्वसनीय मित्र बनाइये। यह सोचिये जब सुख के दिन सदा नहीं रहे, तो दुःख
के दिन कैसे रहेंगे। इसलिए चुनौतियों से मत घबराइये। आशावादी बनिए।
धैर्यवान और आशावादी व्यक्ति के लिए, किसी भी काम में सफल होना बहुत
मुश्किल नहीं है। देर भले ही हो जाये, पर सफलता का प्रकाश उनसे अधिक
समय तक दूर नहीं रह सकता।
8. Change Your
Attitude अपना द्रष्टिकोण बदलिए -
सफलता केवल भाग्य के सहारे मिलने वाली चीज़ नहीं है, इसे पाने के लिए कठोर
परिश्रम के साथ-साथ उच्च सकारात्मक द्रष्टिकोण की भी जरूरत होती है। Jesse
Jackson के अनुसार “Aptitude नहीं बल्कि Attitude आपकी Altitude(ऊंचाई) को
निर्धारित करता है।” ज्यादातर लोग सफल तो होना चाहते है, लेकिन उसके लिए न
तो मेहनत करना चाहते हैं और न ही अपने द्रष्टिकोण को बदलना चाहते हैं। यह
हमेशा ध्यान रखिये कि एक उन्नत और सकारात्मक द्रष्टिकोण के बिना, आप कभी
भी मुश्किलों से पार न पा सकेंगे। क्योंकि उन्हें दूर करने के लिए, आपको
अपने कार्यों का सही मूल्यांकन करना होगा और गलतियों को स्वीकार करके खुद
ही दूर करना होगा। लेकिन जब तक आपका Attitude biased होगा तब तक यह संभव न
हो सकेगा और स्थायी व महत्वपूर्ण सफलताएँ दूर ही रहेंगी।
Henry Ford कहते हैं कि “यदि सफलता के पीछे कोई रहस्य है, तो यह वह है कि
हम किसी घटना को अपने साथ-साथ दूसरे के भी द्रष्टिकोण से देख सकें।” आपका
जीवन परिस्थितियों से उतना प्रभावित नहीं होता, जितना आपका द्रष्टिकोण इसे
प्रभावित करता है। जीवन के प्रति सकारात्मक द्रष्टिकोण, एक positive
thoughts और events की chain reaction की शुरुआत कर देता है, जो
अविश्वस्नीय परिणाम उपस्थित करता है। Attitude एक छोटी चीज़ है, जो बड़ा
अंतर पैदा कर देती है। Thomas Jefferson के शब्दों में- “सही मानसिक
द्रष्टिकोण वाले व्यक्ति को कोई भी चीज़ उसका लक्ष्य पाने से नहीं रोक
सकती; और गलत मानसिक द्रष्टिकोण वाले व्यक्ति की मदद, धरती पर कोई नहीं कर
सकत।”
9. Efeectively
utilise the available Resources उपलब्ध संसाधनो को सही
प्रकार से प्रयोग करें -
लक्ष्य निर्धारित करने के बाद, उसके प्रति संकल्पित रहते हुए भी, कई लोगों
को असफलता का सामना करना पड़ता है। ऐसा नहीं है कि वे परिश्रम नहीं करते,
लेकिन अनजाने ही वे एक ऐसी भूल कर बैठते हैं, जो उनको सफलता से दूर ले
जाती है और यह है- संसाधनों की बर्बादी। दूसरे शब्दों में कहें, तो
अनुशासनहीनता। वास्तव में अगर आप सफल होना चाहते हैं, तो जीवन को अनुशासन
के सांचे में ढालिए। क्योंकि केवल अनुशासित व्यक्ति के लिए ही यह संभव है
कि वह संसाधनों का उचित उपयोग कर सके। सफल होने के लिए जीवन में अनुशासन
की महत्ता से कोई इंकार नहीं कर सकता। संसाधन कई प्रकार के हैं। सामान्यतः
हम उन्हें तीन वर्गों में बाँट सकते हैं –
1. समय 2. श्रम 3. द्रव्य ( धन-सम्पत्ति और अन्य प्राकृतिक सम्पदा)
यूँ तो प्रकृति ने मनुष्य को अनेकों उपहारों से नवाज़ा है, लेकिन जीवन में
हमें जितनी भी Divine Assets(दिव्य सम्पदाएँ) मिली हैं, उनमे समय सबसे
महत्वपूर्ण है। समय सभी के पास उतना ही है, जितना हमारे पास, लेकिन जो
अपने समय की कीमत जानते है, वे एक योजना बनाकर उसे खर्च करते हैं और बदले
में वह परिणाम पाते हैं, जिन्हें दूसरे व्यक्ति कड़ी मेहनत करके भी हासिल
नहीं कर पाते। श्रम कभी व्यर्थ नहीं जाता, पर इस बात का ध्यान रखिये कि
directionless Efforts(दिशाविहीन श्रम) आपको आगे ले जाने में मददगार नहीं
हो सकते।
अनावश्यक श्रम, न केवल आपको शारीरिक और मानसिक रूप से थकाता ही है, बल्कि
कभी-कभी यह आपके उत्साह को भी नष्ट कर देता है। इसलिए एक
योजना बनाकर बुद्धिमानी से श्रम को नियोजित करें। इसी तरह धन और दूसरी
संपदाओं का उपयोग, हर व्यक्ति को समझदारी से करना चाहिए। क्योंकि अनावश्यक
व्यय न केवल आर्थिक बोझ बढाता है, बल्कि कई बार यह आपकी
योजना की विफलता का प्रमुख कारण भी बन सकता है। अगर Resources को
effectively utilise किया जाता है, तो भविष्य में इनकी कमी से होने वाली
समस्याओं से भी बचा जा सकता है और लक्ष्य को भी जल्दी हासिल किया
जा सकता है।
10. Have firm
belief in God ईश्वर पर दृढ विश्वास रखिये -
अभी तक आप सफलता के 9 सूत्र जान चुके हैं। ये सभी सूत्र आपको निश्चित
सफलता की ओर ले जाते हैं। फिर भी संसार में कुछ ऐसे भी व्यक्ति हैं, जो
प्रतिभाशाली और बहुत परिश्रमी होते हुए भी लम्बे समय बाद ही सफल हो पायें
हैं। अब्राहम लिंकन, एडिसन और जीन हेनरी डूनंट सरीखे लोगों का जीवन ऐसा ही
रहा है। हमें यह याद रखने की आवश्यकता है कि प्रकृति निर्विरोध किसी
व्यक्ति को कुछ हासिल नहीं करने देती है। सफलता जितनी बड़ी होती है,
कठिनाइयाँ भी उतनी ही ज्यादा आती हैं। लम्बे समय तक कष्ट और
कठिनाइयाँ सहन करते रहने पर, बड़े-बड़े धैर्यवानों और साहसियों का मनोबल भी
टूटने लगता है।
आप बहुत परिश्रमी हैं, बुद्धिमान हैं, अपने लक्ष्य के प्रति पूरी तरह से
समर्पित हैं, जीवन के प्रति सकारात्मक द्रष्टिकोण है और मुश्किलों में
भी आप अविचल बने रहते हैं, लेकिन फिर भी अपने लक्ष्य को पाने में सफल नहीं
हो पा रहें हैं। महीनो और सालों से आप प्रयास कर रहें हैं, लेकिन न तो
मुसीबतों का कोई अंत आ रहा है और न ही उम्मीद की कोई किरण दिखाई दे रही
है। जब कभी ऐसा हो, तो निराश मत होइये। अपने ह्रदय में यह प्रबल विश्वास
जगाइये कि “सर्वशक्तिमान परमेश्वर, सदा मेरे साथ हैं और मैं उसका ही अंश
हूँ।”
ईश्वर अनंत शक्तियों का स्रोत है; वह हर असंभव को संभव बना सकता है।
वह प्रत्येक को ह्रदय की गहराइयों से, इन शब्दों में अपना आशीर्वाद प्रदान
करते हैं कि “भयभीत न होओ, निराश न होओ, मै सदा तुम्हारे साथ हूँ।” उन
लोगों का जीवन चरित्र पढ़िए, जो मुश्किलों के भंवर में फंसे हुए थे और जिन
पर परमात्मा का असीम आशीर्वाद बरसा। ईश्वर पर विश्वास,
व्यक्ति को हमेशा सकारात्मक उर्जा और उत्साह से पूर्ण रखता है। यदि आप इन
दस सूत्रों पर अमल करते हुए अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हैं, तो
निश्चय जानिए सफलता कभी आपसे दूर नहीं है।
“एक सफल व्यक्ति वह है, जो उन ईटों से एक मजबूत नींव का निर्माण कर सकता
है, जो उस पर दूसरे लोग फेंकते हैं।”
– डेविड ब्रिंकले