चाहे प्रोफेसनल लाइफ हो या परसनल सभी क्षेत्र में आज हर कोई सफल होना चाहता है. पर ये भी सच है की इन सफलता की राहों में बाधायें भी कई आती हैं. कैसे पार पाए इन बाधाओ से जानते है इस बारे में.
जिन
छः बिंदुओं की हम चर्चा करने जा रहे हैं उनकी सबसे अच्छी बात यह है कि
उनका किसी के अंदर स्वाभाविक रूप से होना आवश्यक नहीं है. अगर ऐसा है तो
अच्छा है अन्यथा इन्हें विकसित भी किया जा सकता है. इन बिंदुओं के माध्यम
से पेशेवर जिंदगी के साथ व्यक्तिगत जीवन में भी सफलता पाना आसान हो जाता
है.
बढाए कम्युनिटी स्किल
आपने
अक्सर देखा होगा कि कुछ लोगों के विचार तो बहुत अच्छे होते हैं पर वे
उन्हें उतने ही अच्छे तरह से व्यक्त नहीं कर पाते. खासकर मीटिंग या
कांफ्रेंस आदि में कई लोगों के सामने बोलना उन्हें अत्यंत कठिन कार्य लगता
है. स्थिति कोई भी हो श्रोताओं के अनुसार एक अच्छी स्पीच देने की क्षमता
होना कुशल पेशेवर के लिये बहुत जरूरी है. श्रोताओं से नजरें मिलाकर बोलना,
अच्छी और विस्तृत शब्दावली का प्रयोग करना और मौके के अनुसार बातों को
मोड़ना एक अच्छे वक्ता की पहचान है. अच्छे वक्ता, श्रोताओं द्वारा लंबे समय
तक याद किये जाते हैं. समाज के साथ अच्छा तालमेल बैठाना और सबसे बात कर
पाने की कला से अच्छे संबंध बनते हैं जो वर्तमान के साथ ही भविष्य में भी
लाभ देते हैं.
निर्णय लेने की क्षमता
किसी
भी पेशेवर के लिये सबसे बुरी स्थिति वह होती है जब वह विभिन्न स्थितियों
में विश्वास के साथ निर्णय नहीं ले पाता. एक नेत्तृवकर्ता के लिये यह
खासतौर से जरूरी है कि वह सही समय पर सही निर्णय ले. अगर आप इस बात से डरे
रहेंगे कि कहीं निर्णय गलत न साबित हो जाये तो आपकी छवि एक कमजोर इंसान की
बनेगी. हार जाने के भय से कुछ न करने से बेहतर है कि आगे बढ़ा जाये भले
निर्णय गलत साबित हो जाये. सोच-समझकर तर्कपूर्ण तरीके से कोशिश हमेशा यही
होनी चाहिये कि निर्णय ऐसा हो जो काम को पूरा कर सके पर अगर कभी गलत साबित
हों भी जायें तो उन्हें स्वीकारें और उनसे सीख लें. हमेशा सुरक्षित रहने की
कोशिश करेंगे तो कुछ हासिल नहीं होगा.
जिम्मेदारी स्वीकार करें
सफल
होने के लिये दूसरी जरूरी चीज है कि अपने निर्णयों और कार्यों की
जिम्मेदारी लेना. फिर भले यह जिम्मेदारी हार की हो या जीत की. अगर चाहते
हैं कि दूसरे आपका सम्मान करें तो अपनी गलतियों को स्वीकार करें बजाय
दूसरों को दोषी ठहराने के. हर कोई गलती करता है पर बात तो इसमें है कि गलती
के बाद कौन-कैसे रिएक्ट करता है. ऊंचाइयों तक पहुंचने की चाह रखने वाले
अपने आंकलन के लिये हमेशा तैयार रहते हैं. यह आत्मविश्वास दर्शाता है. अपनी
गलती स्वीकारना विनम्रता की निशानी भी होती है, जिससे कर्मचारियों के बीच
अच्छी छवि बनती है.
सकारात्मक सोच
ऊपर
की सभी बातों के साथ ही सफल होने के लिये एक और महत्वपूर्ण बात है
सकारात्मक सोचना. नकारात्मक सोच होने पर जहां साथ वाले मजाक बनाते हैं,
वहीं बॉस सोचते हैं कि आप एक ऐसे व्यक्ति हैं जिसे अपने काम से प्यार नहीं
है और जो कंपनी की पॉलिसीज का निर्वाह नहीं कर सकता. कभी-कभार कोई दिन खराब
बीतता है ये अलग बात है (हालांकि इसमें भी जितना हो सके सकारात्मक पहलुओं
को ढूढ़ना चाहिये) लेकिन हर दिन निराशावादी सोच के साथ शुरू करना और उसे
बनाये रखना गलत है. नकारात्मक विचारों वाला व्यक्ति दूसरों को भी ऐसा सोचने
पर मजबूर कर देता है और कुल मिलाकर उत्पादन गिराता है. सकारात्मक ऊर्जा से
आसपास वाले भी सकारात्मक सोचते हैं और सारा वातावरण अच्छा हो जाता है.
इसलिये समस्याओं को नहीं उनके समाधान को देखिये, उन पर नजर रखिये.
स्व-प्रस्तुतीकरण पर दें ध्यान
सफल
होने के लिये बाकी अंदरूनी गुणों के अलावा बाहरी पहनावा भी महत्वपूर्ण है.
इसलिये स्व-प्रस्तुतीकरण पर भी खास ध्यान दें. अच्छे और स्थिति के मुताबिक
चुने गये सही परधिान, साफ-सफायी, नाखून कटे, बाल कढ़े जैसी छोटी लेकिन
जरूरी चीजें आपके बिना कुछ कहे ही सामने वाले पर आपका पहला प्रभाव डाल देती
हैं. अच्छा सूट, साफ जूते स्वयं कह देते हैं कि आप अपने पहनावे को लेकर
काफी गंभीर हैं. इससे साथियों, बॉस और ग्राहकों सभी पर काफी अच्छा प्रभाव
पड़ता है. इसलिये फैशन के साथ चलें, जरूरी हो तो इसके लिये फैशन मैगजीन्स
की सहायता भी ले सकते हैं.
समय-संयोजन सबसे आवश्यक
आप
कितना भी अच्छा बोलते हों, पहनते हों, कितने भी सकारात्मक और अच्छे वक्ता
हों पर अगर आपमें समय-संयोजन नहीं है, आप काम को संभाल नहीं सकते, समय पर
काम खत्म नहीं कर सकते तो सब व्यर्थ है. हमेशा देर से आना, मीटिंग में
भागते हुये पहुंचना, डेडलाइन्स पूरी करने के लिये जल्दबाजी करना, ये सब
ठीक नहीं है. कामों को इस प्रकार करें कि वे न सिर्फ समय पर खत्म हों बल्कि
आपके पास कुछ अतिरिक्त समय भी बचें. ताकि आराम के लिये भी कुछ समय निकाला
जा सके. टालमटोल की आदत हम सब में होती है पर इससे बचना चाहिये. अपने गोल
सेट करिये और उन्हें समय से पूरा करिये. क्योंकि अंततः प्रदर्शन सबसे
ज्यादा महत्व रखता है.
ये
कुछ छोटी लेकिन जरूरी बातें हैं जिनका ध्यान रखने पर सफलता पाना आसान हो
जायेगा और उड़ान भरने के लिये आपको आकाश भी छोटा लगने लगेगा.